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स्लोवाकिया में इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट जेन कुसियाक और उनकी गर्लफ्रेंड की हत्या के बाद जैसे पूरा देश उबल पड़ा है. PM ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मर्डर मिस्ट्री सुलझाने वाले को आठ करोड़ रुपये इनाम में मिलेंगे. ऐसा हुआ है. यूरोप में एक देश है. स्लोवाकिया. 26 फरवरी, 2018. स्लोवाकिया के एक जवान पत्रकार और उसकी गर्लफ्रेंड की गोली मारकर हत्या कर दी गई. दोनों अपने छोटे से घर के अंदर मरे हुए मिले. इस डबल मर्डर ने पूरे देश को मथ दिया जैसे. एक मूवमेंट शुरू हो गया. लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. इस मूवमेंट का असर देखिए. कि यूरोप के एक छोटे से देश के उस पत्रकार की कहानी, उसका काम पूरी दुनिया जान गई है. वहां वो ही स्लोवाकिया, जहां 1989-90 के दौर में तानाशाही के खिलाफ क्रांति हुई थी. लोकतंत्र लाने के लिए क्रांति हुई थी. और ये क्रांति सफल भी हुई. बिना खून बहाए. बिना किसी की जान लिए. पूरी तरह अहिंसक क्रांति.
जिस पत्रकार का मर्डर हुआ, उनका नाम था जेन कुसियाक. उनकी मंगेतर मार्टिना कुसनिरोवा भी मारी गईं. जेन एक अहम स्टोरी की तफ्तीश में जुटे थे. वो स्लोवाकिया के बड़े-बड़े नेताओं और इटली के माफिया गिरोहों के बीच के रिश्तों की जांच कर रहे थे. माना गया कि उनकी हत्या के पीछे इन्हीं लोगों का हाथ था. जेन और मार्टिना के मर्डर से जैसे पूरा स्लोवाकिया हिल गया. लोग सड़कों पर उतर आए. लगा जैसे जेन और मार्टिना की तस्वीरें लेकर पूरी आबादी ही प्रदर्शन कर रही है.
प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा
जनता के इस विद्रोह ने प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको की कुर्सी छीन ली. उनको इस्तीफा देना पड़ा. रॉबर्ट छोटे-मोटे नेता नहीं थे. 10 सालों से देश चला रहे थे. वो गए, तो उनकी जगह उनके डेप्युटी पीटर पेलेग्रिनी आए. उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया. लेकिन राष्ट्रपति आंद्रेज किसका ने उनका दावा खारिज कर दिया. एक पत्रकार और उसकी गर्लफ्रेंड की मर्डर मिस्ट्री के पीछे प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा.
स्लोवाकिया में इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट जेन कुसियाक और उनकी गर्लफ्रेंड की हत्या के बाद जैसे पूरा देश उबल पड़ा है. PM ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि मर्डर मिस्ट्री सुलझाने वाले को आठ करोड़ रुपये इनाम में मिलेंगे. ऐसा हुआ है. यूरोप में एक देश है. स्लोवाकिया. 26 फरवरी, 2018. स्लोवाकिया के एक जवान पत्रकार और उसकी गर्लफ्रेंड की गोली मारकर हत्या कर दी गई. दोनों अपने छोटे से घर के अंदर मरे हुए मिले. इस डबल मर्डर ने पूरे देश को मथ दिया जैसे. एक मूवमेंट शुरू हो गया. लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. इस मूवमेंट का असर देखिए. कि यूरोप के एक छोटे से देश के उस पत्रकार की कहानी, उसका काम पूरी दुनिया जान गई है. वहां वो ही स्लोवाकिया, जहां 1989-90 के दौर में तानाशाही के खिलाफ क्रांति हुई थी. लोकतंत्र लाने के लिए क्रांति हुई थी. और ये क्रांति सफल भी हुई. बिना खून बहाए. बिना किसी की जान लिए. पूरी तरह अहिंसक क्रांति.
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प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा
जनता के इस विद्रोह ने प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको की कुर्सी छीन ली. उनको इस्तीफा देना पड़ा. रॉबर्ट छोटे-मोटे नेता नहीं थे. 10 सालों से देश चला रहे थे. वो गए, तो उनकी जगह उनके डेप्युटी पीटर पेलेग्रिनी आए. उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया. लेकिन राष्ट्रपति आंद्रेज किसका ने उनका दावा खारिज कर दिया. एक पत्रकार और उसकी गर्लफ्रेंड की मर्डर मिस्ट्री के पीछे प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा.
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